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बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें,
तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं...



फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में;
फर्क होता है किस्मत और लकीर में;
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना;
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।



इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी,
चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया।



लोग कहते है दुःख बुरा होता हे जब आता है रूलाता है,
हम कहते है दुःख अच्छा होता है,
जब आता है कुछ नया सिखाता जाता है...



जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो तो फिर पीछे मुड़कर मत देखना,
क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते।



एक उड़ते हुए गुब्बारे पे क्या खूब लिखा था,“वो जो बाहर है वह नहीं, 
वह जो भीतर है वही आपको ऊपर ले जाता है!”


कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां,
ना नफरत की वजह मिल रही है,ना मोहब्बत का सिला...



दुनिया है छोटी, हम है मुसाफ़िर,
कहीं न कहीं तो फिर से मुलाकात होगी...



लफ्ज मेरी पहचान बने तो बेहतर है,
चेहरे का क्या वो तो साथ चला जाएगा...



चेहरे "अजनबी" हो जाये तो कोई बात नही,
लेकिन रवैये "अजनबी" हो जाये तो बडी "तकलीफ" देते हैं...



दुआ कभी खाली नही जाती,
बस लोग इंतजार नही करते...



तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में था.
और तुम मेरी जुबान खुलने का इंतज़ार करते रहे।


बस ज़रा स्वाद में कड़वा है,
नहीं तो सच का कोई जवाब नहीं।



उड़ने में बुराई नहीं है,
लेकिन उतना ही ऊँचा उड़े जहाँ से ज़मीन साफ़ दिखाई दे...



जो व्यक्ति अपने बारे में नहीं सोचता ,
 वो सोचता ही नहीं है...



रिश्ते मोतियों की तरह होते होते हैं,
कोई गिर भी जाये तो झुख कर उठा लेना चाहिए...



आप भले अपनी जिंदगी से खुश नहीं हो पर कुछ लोग ऐसे भी है,
जो आप जैसी जिंदगी जीने के लिए तरसते है...



शतरंज मे वज़ीर,और ज़िंदगी मे ज़मीर,
अगर मर जाए तो खेल ख़त्म समझिए...



ज़िन्दगी इतनी मुश्किल इसलिए है,
क्यूंकि लोग आसानी से मिली चीज की कीमत नहीं जानते...


पर्दा गिरते ही खत्म हो जाते हैं तमाशे सारे,
खूब रोते हैं फिर औरों को हँसाने वाले...



दिल के रिश्ते कभी नहीं टूटते,
बस खामोश हो जाते है…



नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले।



जज़्बात अपने हो तभी जज़्बात है,
दुसरे के जज़्बात तो खिलौना है।



ज़रा मुस्कराना भी सिखा दे ज़िन्दगी,
रोना तो पैदा होते ही सीख लिया था।



कमाल का ताना दिया आज मंदिर में भगवान ने,
मांगने ही आते हो कभी मिलने भी आया करो...



वफ़ा सबसे करो मगर वफ़ा की उम्मीद किसी से ना करो...



गलत होकर भी खुद को सही साबित करना,
उतना मुश्किल नहीं होता,
जितना कि, 
सही होकर खुद को सही साबित करना...


लफ्ज़ इन्सान के गुलाम होते हैं,
मगर बोलने से पहले,
और बोलने के बाद इन्सान अपने लफ़्ज़ों का गुलाम बन जाता है...


कुछ लोग मुझे अपना कहते थे,
सच में सिर्फ कहते ही थे...



मत कहो ख़ुदा से मेरी मुश्किले बड़ी हैं,
ये मुश्किलों से कह दो मेरा ख़ुदा बड़ा है।



किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों,
छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं...



मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,
कम्बख़त जो भी उस से मिलता है, 
उसी का हो जाता है।



कईं रोज से कोई नया जखम न दिया पता करो सनम ठीक तो है न...



आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर,
अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता।



परिसथिति एक ऐसी चीज है,
जो इऩसान को सबकुछ सीखा देती है,
बचपन मे ही बड़ा बना देती है।


कर्मो से ही पहचान होती है इंसानों की,
अच्छे कपड़े तो बेजान पुतलो को भी पहनाये जाते है...



नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…



आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आता है,
मुझेरोटी खिलाने के लिए कभी माँ मेरे पीछे भागती थी...



दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब,
मालूम तो मुझे भी है के हम आपको अच्छे नही लगते…



इंसान को बोलना सीखने में दो साल लग जाते हैं लेकिन,
क्या बोलना है,यह सीखने में पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है...


बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें,
तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं...



परिसथिति एक ऐसी चीज है जो इऩसान को सबकुछ सीखा देती है,
बचपन मे ही बड़ा बना देती है।



तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला,
मुहबबत उन्ही को मिलती है,
जिन्हे निभानी नही आती...



ना सलाम याद रखना ना,
पैगाम याद रखना,छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।



हम शतरंज नही खेलते,
क्योंकि दुश्मनों की हमारे सामने बैठने कि औकात नही,
 और दोस्तो के खिलाफ़ हम चाल नही चलते...



कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी,
एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी…



कुछ अलग करना है तो जरा भीड़ से हटकर चलो.
भीड़ साहस तो देती है,लेकिन पहचान छीन लेती है।



हर फैसले होते नहीं,सिक्के उछाल कर.
यह दिल के मामले है.जरा संभल कर...



तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ दे देते हैं, मगर ‘जाने’ नहीं देते...



रिश्ता हो तो रूह से रूह का हो,
दिल तो अक्सर एक दूसरे से भर जाया करते हैं…



तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो,
फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले…



जिस नगर भी जाओ,
किस्से हैं कमबख्त बीवी के,
कोई ला के रो रहा है,
तो कोई लाने के लिए रो रहा है…



खूबसूरती से धोका,
न खाइये जनाब,
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो,
मांगती तो खून ही है...



न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको,
न हम इतने आम हैं,
न ये तेरे बस की बात है…



दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं…



दुश्मन बनाने के लिए ज़रूरी नही लड़ा जाए,
आप थोड़े कामयाब हो जाओ तो वो ख़ैरात में मिलेंगे…